Sunday, August 17, 2014

श्रीकृष्णअवतार का कलियुग में महत्त्व

श्रीकृष्णअवतार का कलियुग में महत्त्व -



- श्रीकृष्ण के प्रयाण के बाद ही कलयुग शुरू हो गया क्यों की ये तो समय का खेल है जो होना ही था. पर कलयुग में जो भी व्यक्ति श्रीकृष्ण की शरण में आ जाएगा उसे कोई दुःख कोई चिंता नहीं सता सकती. यह कृष्णावतार का सबसे बड़ा महत्त्व है.
- आज विश्व में कोई ऐसा व्यक्ति नहीं जिसे कल की कोई ना कोई चिंता ना सता रही हो. पर मात्र श्रीकृष्ण शरणम मम" को पूर्ण विश्वास के साथ जपने से श्रीकृष्ण उस व्यक्ति की सारी चिंताएं अपने ऊपर ले लेते है और उसकी मदद अवश्य करते है.
- श्रीकृष्ण ने अपने जीवन में भगवद गीता के माध्यम से जीने का तरीका सीखकर मानव के लिए बहुत बड़ा सन्देश दिया. इसे सही अर्थों में समझ कर हम अपने जीवन के हर प्रश्न का उत्तर पा सकते है.
- श्रीकृष्ण जानते थे आने वाले युग में मानव स्वयं के सुख के लिए स्वार्थी हो कर पर्यावरण को नुक्सान पहुंचाएगा. इसलिए उन्होंने कालिया नाग से यमुनाजी को मुक्त कराकर ये सन्देश दिया की हर नदी को प्रदुषण के नाग से मुक्त रखना होगा.
- किसी भी देवता की पूजा से अधिक महत्त्व उन्होंने गोवर्धन पर्वत को दिया. अर्थात हमारे आस पास जो भी पहाड़ और टीले है उन्हें निर्माण कार्य के लिए काटना , समतल करना ही मानव के विनाश का कारण बनेगा. तब ये वर्षा के तांडव से मानव को नहीं बचा पायेंगे. आज तो स्वयं गोवर्धन पर्वत ही बहुत खराब अवस्था में है.
- स्वयं गौ माता की नंगे पैर सेवा कर भगवान् कृष्ण ने ये सन्देश दिया था की देशी नस्ल की गाय का पालन कर लक्ष्मीजी घर घर में पधारेंगी .
- हर कृष्ण भक्त को गौ सेवा के साथ तुलसी भी लगानी चाहिए. घर के बगीचे में बहुत सारी तुलसी के पौधे उगने देना चाहिए. इससे विषैले कीड़े और मच्छर आदि नहीं होते और रोगों से भी बचाव होता है.
- राधे राधे का जाप कर श्रीकृष्ण ने सन्देश दिया की किसी भी कर्मकांड से ऊपर है भाव भक्ति. और इसीसे भक्त भगवान् से भी अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है. भगवान् भी अपने भक्त के अधीन हो जाते है.
- छप्पन भोग होते हुए भी भगवान् को प्रेम और भाव से बनाया खिचड़ी जैसा सात्विक सादा आहार पसंद है और अन्न के एक भी दाने को व्यर्थ गंवाना उन्हें पसंद नहीं है. आज तो गेंहू और अन्य अन्न इतना सड रहा है.तभी इंसान भूख से मर रहा है.
- इस तरह सम्पूर्ण सोलह कलाओं से युक्त भगवान् के अवतार भगवान् कृष्ण की शरण आ कर हमारी जीवन नैया इस अधर्म प्रमुख कलयुग में भी पार हो सकती है.
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की बहुत बहुत शुभकामनाएं......

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